Vastu Shastra : सड़क पर पड़ी इन 4 चीज़ों को क्यों नहीं लांघना चाहिए? वजह सिर्फ अंधविश्वास नहीं

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Vastu Shastra : सड़क पर पड़ी इन 4 चीज़ों को क्यों नहीं लांघना चाहिए? वजह सिर्फ अंधविश्वास नहीं

News India Live, Digital Desk: Vastu Shastra : हम सब रोज़ाना सड़कों पर चलते हैं, अपने ख्यालों में खोए हुए, अपनी मंज़िल की तरफ बढ़ते हुए। रास्ते में हमें कई तरह की चीज़ें पड़ी हुई मिलती हैं, जिन्हें हम अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। लेकिन, आपने भी कभी अपने घर के बड़े-बुजुर्गों से यह सुना होगा कि रास्ते में पड़ी कुछ खास चीज़ों को कभी लांघना नहीं चाहिए।

क्या यह सिर्फ एक अंधविश्वास है, या इसके पीछे कोई गहरा मतलब छिपा है?

हमारी पुरानी मान्यताओं के अनुसार, इसके पीछे सिर्फ डर नहीं, बल्कि ऊर्जा (energy) और प्रतीकों का एक विज्ञान है। माना जाता है कि कुछ चीज़ें अपने अंदर नकारात्मक ऊर्जा को सोख लेती हैं या उनका संबंध नकारात्मक घटनाओं से होता है। जब हम उन्हें लांघते हैं, तो हम अनजाने में ही उस नकारात्मकता के संपर्क में आ जाते हैं।

आइए जानते हैं, वो कौन सी चीज़ें हैं जिनसे हमारे बड़े-बुज़ुर्ग हमें बचकर निकलने की सलाह देते थे।

1. नींबू-मिर्च का गुच्छा
यह शायद सबसे आम चीज़ है जो चौराहों या दुकानों के बाहर पड़ी दिख जाती है। यह कोई कचरा नहीं है। यह एक ‘नज़र बट्टू’ है, जिसे बुरी नज़र और नकारात्मक ऊर्जा को सोखने के लिए लटकाया जाता है। जब इसे फेंका जाता है, तो माना जाता है कि यह अपने साथ उस जगह की सारी नकारात्मकता को लेकर जा रहा है। इसे लांघने का मतलब है, किसी और की मुसीबत को अपने ऊपर ले लेना।

2. बालों का गुच्छा
बालों का इस्तेमाल अक्सर तंत्र-मंत्र या ‘जादू-टोने’ जैसी क्रियाओं में किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, रास्ते में पड़ा बालों का गुच्छा किसी तांत्रिक क्रिया का हिस्सा हो सकता है, जिसमें नकारात्मक शक्तियों का आह्वान किया गया हो। इसलिए, ऐसी चीज़ से दूर रहना ही समझदारी माना जाता है।

3. हड्डियां या राख
हड्डियां और राख, दोनों ही मृत्यु और अंतिम संस्कार से जुड़े हुए हैं। ये चीजें शोक और दुख का प्रतीक हैं। इन्हें लांघना न सिर्फ मृतक का अनादर माना जाता है, बल्कि यह भी माना जाता है कि इनसे जुड़ी नकारात्मक और भारी ऊर्जा आपके जीवन में प्रवेश कर सकती है।

4. पूजा-पाठ की सामग्री
कभी-कभी लोग किसी खास पूजा के बाद उससे जुड़ी सामग्री को रास्ते में रख देते हैं। यह किसी देवी-देवता के सम्मान में या किसी दोष को दूर करने के लिए किया जा सकता है। इस पर पैर रखना या इसे लांघना, उस पूजा और देवी-देवता का अपमान करने जैसा है, जो आपके लिए अच्छा नहीं माना जाता।

आप इन बातों को मानें या न मानें, यह आपकी अपनी आस्था है। लेकिन हमारे बड़े-बुजुर्गों की हर सलाह के पीछे कोई न कोई अनुभव और तर्क ज़रूर छिपा होता था। और जब किसी चीज़ से बचकर निकलने का एक आसान सा रास्ता हो, तो क्यों बेवजह का जोखिम लेना?

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