Naag Panchami 2025: इन गलतियों से बचें नहीं तो पीढ़ी दर पीढ़ी झेलना पड़ेगा कालसर्प दोष जैसा कष्ट

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Newsindia live,Digital Desk:Naag Panchami 2025: नाग पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है ताकि वे भक्तों को आशीर्वाद दें और उनकी सर्प भय से रक्षा करें। यह पर्व पर्यावरण संतुलन और प्रकृति के प्रति सम्मान का प्रतीक भी है। लेकिन ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी पर कुछ ऐसी गलतियाँ हैं जिन्हें करने से ‘कालसर्प दोष’ जैसा गंभीर कष्ट झेलना पड़ सकता है, जो पीढ़ियों तक परिवार को प्रभावित कर सकता है। आइए जानते हैं कौन सी हैं वे गलतियाँ और उनसे बचने के उपाय।नाग पंचमी का त्योहार श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है, और वर्ष 2025 में यह 3 अगस्त रविवार को पड़ रहा है। इस दिन भगवान शिव के गले का हार माने जाने वाले नागों की पूजा की जाती है। माना जाता है कि नाग देवता की पूजा करने से सर्पदंश का भय दूर होता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। मंदिरों में और घर-घर में लोग दूध, लावा, मिठाई आदि चढ़ाकर नाग देवता को प्रसन्न करते हैं और उनका आशीर्वाद मांगते हैं।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी के दिन कुछ काम करने से बचना चाहिए, ताकि नाग देवता क्रोधित न हों और अनिष्ट से बचा जा सके। ये गलतियाँ सिर्फ आपको ही नहीं, बल्कि आपकी आने वाली पीढ़ियों तक को प्रभावित कर सकती हैं।नाग पंचमी पर की गई गलतियों का परिणाम इतना गंभीर क्यों माना जाता है? धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिष के अनुसार, अगर नागों को किसी भी तरह का कष्ट पहुंचाया जाता है या नाग पंचमी के नियमों का उल्लंघन किया जाता है, तो उस परिवार को ‘नाग दोष’ या ‘कालसर्प दोष’ का सामना करना पड़ सकता है। यह दोष पीढ़ियों तक कष्ट, धन हानि, संतान संबंधी समस्याएँ और बीमारियों का कारण बन सकता है।नागों को हिंदू धर्म में पूजनीय माना जाता है, क्योंकि वे प्रकृति के संतुलन का हिस्सा हैं। साँप फसलों को कीटों और चूहों से बचाते हैं, इसलिए उनका संरक्षण ज़रूरी है। नाग पंचमी का त्योहार हमें सिखाता है कि प्रकृति के हर जीव का सम्मान करना चाहिए। वैज्ञानिक रूप से भी, बिना कारण किसी भी जीव को हानि पहुँचाना गलत है, और यह त्योहार इस भावना को और पुख्ता करता है।नाग पंचमी के दिन नाग देवता को प्रसन्न करने के लिए मिट्टी, धातु या गोबर से बने नाग की प्रतिमा बनाकर उसकी पूजा करें। शिवलिंग पर या नाग देवता की तस्वीर पर दूध, लावा, खील, धूप, दीप और फूल अर्पित करें। पूजा करते समय “ॐ नाग देवाय नमः” मंत्र का जाप करें। घर के मुख्य द्वार पर नागों का चित्र लगाना भी शुभ माना जाता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है और परिवार पर नाग देवता का आशीर्वाद बना रहता है।

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