Kriti Sanon’s 5 no-no movies: दूसरों की किस्मत का दरवाज़ा खोल दिया

3 Min Read

Newsindia live,Digital Desk: Kriti Sanon’s 5 no-no movies: अभिनेत्री कृति सेनन बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेसेज में गिनी जाती हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और शानदार परफॉर्मेंस से इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई है। उनकी झोली में कई हिट फ़िल्में हैं। लेकिन फिल्मी दुनिया की किस्मत भी कमाल की होती है – कभी-कभी एक एक्टर की ‘ना’ दूसरे के लिए ‘हाँ’ बनकर सुपर हिट साबित हो जाती है! कृति सेनन के साथ भी ऐसा ही हुआ। आज हम उन 5 ब्लॉकबस्टर फिल्मों की बात करेंगे, जिन्हें कृति सेनन ने किसी वजह से ठुकरा दिया, और वो फिल्में अन्य एक्ट्रेसेस के लिए किसी जैकपॉट से कम नहीं साबित हुईं।फिल्मी दुनिया में सही स्क्रिप्ट और सही कास्टिंग एक पहेली सुलझाने जैसी होती है। कई बार एक्टर्स अच्छी फिल्मों को डेट्स की कमी, फीस के मतभेद या स्क्रिप्ट के समझ न आने के चलते छोड़ देते हैं। कृति सेनन एक प्रतिभाशाली एक्ट्रेस हैं, लेकिन उनके करियर में भी कुछ ऐसे फैसले रहे, जब उन्होंने उन फिल्मों को रिजेक्ट कर दिया जो बाद में ब्लॉकबस्टर साबित हुईं। इनमें से कुछ फिल्मों को छोड़ने का पछतावा शायद उन्हें आज भी होता होगा, जबकि कुछ को छोड़ने का उन्होंने खुद बचाव भी किया है।इन फ़िल्मों में से ‘थग्स ऑफ हिंदोस्तान’ को कृति ने खुद माना कि इसे छोड़ना सही फैसला था क्योंकि यह फ्लॉप हो गई थी। लेकिन ‘कबीर सिंह’ को छोड़ना शायद उनके करियर के उन पलों में से एक होगा, जहाँ ‘गलती’ से एक बड़ी हिट उनके हाथ से फिसल गई। यह फिल्म कियारा आडवाणी के करियर के लिए एक सुनहरा अध्याय साबित हुई। ये मामले दर्शाते हैं कि फ़िल्मों की भविष्यवाणी करना कितना मुश्किल होता है।किसी फ़िल्म को रिजेक्ट करने के कई कारण होते हैं – कभी डेट्स नहीं मिल पातीं, कभी फीस का मामला फंसता है, और कभी एक्टर को स्क्रिप्ट पर पूरा भरोसा नहीं होता। कई बार ‘बाउंड स्क्रिप्ट’ (बधिरित पटकथा) की जगह केवल वन-लाइनर नरेशन सुनने के बाद फैसला लेना पड़ता है, जो जोखिम भरा हो सकता है। यह दिखाता है कि बॉलीवुड में सफल होना सिर्फ एक्टिंग नहीं, बल्कि सही मौके को पहचानने और रिस्क लेने का भी खेल है।हालांकि कृति सेनन ने कई बड़ी फिल्में छोड़ी हैं, लेकिन उनके करियर पर इसका कोई बड़ा बुरा असर नहीं पड़ा है। ‘हीरोपंती’, ‘बरेली की बर्फी’, ‘लुका छुपी’, ‘पानीपत’ और ‘मिमी’ जैसी फिल्मों में अपने अभिनय से उन्होंने अपनी काबिलियत साबित की है। वे जानती हैं कि कुछ फैसले सही होते हैं तो कुछ गलत, लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि हमेशा आगे बढ़ना और नई चुनौतियों का सामना करना। फिल्मों को ठुकराने की ये दास्तां दिखाती है कि हर कलाकार का सफर अद्वितीय और अप्रत्याशित होता है।

Share this Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version