News India Live, Digital Desk: Kirron Kher gets a shock: भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और चंडीगढ़ की पूर्व सांसद किरन खेर एक नए विवाद में फंस गई हैं। उन्हें चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा आवंटित किए गए सरकारी बंगले के बकाया किराए के लिए 13 लाख रुपये का नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस न केवल मूल बकाया राशि के लिए है, बल्कि इसमें 12 प्रतिशत की दर से ब्याज भी शामिल किया गया है, जिससे यह कुल रकम और बढ़ गई है। यह मामला एक जनप्रतिनिधि के तौर पर वित्तीय जवाबदेही और सरकारी नियमों के पालन पर सवाल खड़े करता है।जानकारी के अनुसार, यह नोटिस चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने जारी किया है। किरन खेर चंडीगढ़ की सांसद रहते हुए सरकारी बंगले में रह रही थीं। सांसद का कार्यकाल समाप्त होने या किसी और वजह से बंगला खाली करने के बाद नियमों के तहत किराया और बकाया जमा करना अनिवार्य होता है। नोटिस में कहा गया है कि बार-बार याद दिलाने के बावजूद, बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया है।यह कोई पहला मौका नहीं है जब किसी पूर्व सांसद या नेता पर सरकारी आवास के किराए या सुविधाओं के उपयोग को लेकर विवाद हुआ हो। ऐसे मामले अक्सर सामने आते रहते हैं, जहाँ नेता अपने कार्यकाल के बाद भी सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाते रहते हैं या उनका किराया नहीं चुकाते। यह दिखाता है कि कैसे सरकारी बंगलों के आवंटन और उनकी वापसी से जुड़े नियमों के पालन में कई बार शिथिलता बरती जाती है।इस नोटिस के बाद किरन खेर पर वित्तीय दबाव के साथ-साथ राजनीतिक दबाव भी बढ़ सकता है, खासकर तब जब वे एक प्रमुख राजनीतिक दल की नेता हैं। विपक्षी दल इस मुद्दे को उठा सकते हैं ताकि इसे जवाबदेही के अभाव या विशेषाधिकारों के दुरुपयोग के तौर पर पेश किया जा सके। किरन खेर या उनकी टीम की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। अब देखना यह होगा कि वह इस नोटिस का कैसे जवाब देती हैं और इस बकाया राशि का भुगतान कब तक किया जाता है। यह मामला चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा सरकारी संपत्तियों के प्रबंधन और बकाए की वसूली में सक्रियता को भी दर्शाता है।