Fertility Rate : भारत में बच्चे हो रहे कम, भविष्य में कौन संभालेगा देश?

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Fertility Rate : भारत में बच्चे हो रहे कम, भविष्य में कौन संभालेगा देश?

News India Live, Digital Desk: Fertility Rate :  भारत की सबसे बड़ी ताकत क्या है? इसका जवाब है- इसकी युवा आबादी। दुनिया जब बूढ़ी हो रही थी, तब हमारे पास करोड़ों युवा हाथ थे, जो काम करने, सपने देखने और देश को आगे ले जाने के लिए तैयार थे। इसी ‘युवा शक्ति’ के दम पर हमने दुनिया की सबसे तेज़ अर्थव्यवस्था बनने का सपना देखा।

लेकिन यह कहानी अब एक नया और चिंताजनक मोड़ ले रही है। एक ऐसी सच्चाई सामने आई है, जो आने वाले 20-30 सालों में हमारे देश की पूरी तस्वीर बदल कर रख सकती है।

लैंसेट की एक हालिया स्टडी बताती है कि भारत में जन्म दर (Fertility Rate) बहुत तेज़ी से गिरी है। यह अब 2.0 पर आ गई है, जो 2.1 के ‘रिप्लेसमेंट लेवल’ से भी नीचे है।

इसका आसान भाषा में क्या मतलब है?

‘रिप्लेसमेंट लेवल’ वो जादुई आंकड़ा है, जो आबादी को स्थिर रखता है। यानी, औसतन एक महिला जब अपने जीवन में 2.1 बच्चों को जन्म देती है, तो आबादी न घटती है, न बढ़ती है। हम अब इस जादुई आंकड़े से भी नीचे चले गए हैं। इसका मतलब है कि भविष्य में हमारे यहां बच्चे कम पैदा होंगे और बुजुर्गों की संख्या ज़्यादा होगी।

तो क्या यह अच्छी बात नहीं है कि हमारी जनसंख्या नियंत्रण में आ रही है? ऊपरी तौर पर यह अच्छा लग सकता है, लेकिन इसके कुछ ऐसे दूरगामी परिणाम हैं, जो हमारे लिए एक बड़ा संकट खड़ा कर सकते हैं।

इसे एक परिवार के उदाहरण से समझिए:
कल्पना कीजिए एक ऐसे परिवार की, जिसमें 2 कमाने वाले नौजवान हैं और 8-10 बुजुर्ग सदस्य हैं। उस घर का क्या होगा? कमाने वाले कम और उन पर निर्भर रहने वाले ज़्यादा। ठीक यही स्थिति हमारे देश की हो सकती है।

क्या होगा इसका असर?

  1. कौन करेगा काम? (The Shrinking Workforce)
    जब युवा कम होंगे, तो हमारे कारखानों में, हमारे दफ्तरों में, और हमारे खेतों में काम करने वाले हाथ भी कम होंगे। इससे देश का उत्पादन घटेगा और आर्थिक विकास की रफ्तार धीमी पड़ जाएगी।

  2. कौन भरेगा टैक्स? (The Tax Burden)
    सरकार की कमाई का सबसे बड़ा ज़रिया टैक्स होता है, जो कमाने वाली युवा आबादी भरती है। जब कमाने वाले ही कम हो जाएंगे, तो सरकार की कमाई भी कम हो जाएगी। फिर सड़कें, अस्पताल और स्कूल कैसे बनेंगे?

  3. बुजुर्गों की देखभाल कौन करेगा? (The Social Crisis)
    यह सबसे बड़ी मानवीय चिंता है। जब देश में बुजुर्गों की संख्या करोड़ों में होगी और उनकी देखभाल करने वाले युवा कम होंगे, तो हमारे स्वास्थ्य सिस्टम पर एक भयानक बोझ पड़ेगा। परिवारों पर अपने बड़ों की देखभाल का दबाव बढ़ेगा।

जापान और चीन जैसे देश आज इसी संकट से जूझ रहे हैं। उनकी युवा आबादी कम हो गई है और अब वे अपनी बूढ़ी होती आबादी को लेकर चिंतित हैं।

भारत की ‘युवा शक्ति’ हमेशा नहीं रहने वाली। यह स्टडी एक चेतावनी की घंटी है। यह बता रही है कि हमें आज ही आने वाले ‘बुजुर्ग भारत’ के लिए योजना बनानी होगी, वरना हमारी सबसे बड़ी ताकत, हमारी सबसे बड़ी कमज़ोरी बन जाएगी।


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