जब हम हवाई जहाज में सफर करते हैं,तो अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी पूरी तरह से पायलट और केबिन क्रू के हाथों में सौंप देते हैं। हम यह मानकर चलते हैं कि कॉकपिट में बैठा पायलट पूरी तरह से सतर्क है और हमारा सफर सुरक्षित रहेगा। लेकिन क्या हो जब आपको पता चले कि जिस वक्त आप35,000फीट की ऊंचाई पर बादलों के बीच सफर कर रहे होते हैं,उस वक्त कॉकपिट में पायलट और क्रू मेंबर्स रोमांस करने में व्यस्त हो सकते हैं,और आपका विमान सिर्फ एक मशीन यानी’ऑटोपायलट’के भरोसे उड़ रहा हो?यह किसी थ्रिलर फिल्म की कहानी नहीं,बल्कि एक एयर होस्टेस द्वारा किया गया वो सनसनीखेज खुलासा है,जिसने पूरी दुनिया में एयरलाइन इंडस्ट्री की सुरक्षा और नैतिकता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस गुमनाम एयर होस्टेस ने विमान के अंदर के कुछ ऐसे राज खोले हैं,जो किसी भी यात्री के मन में डर पैदा कर सकते हैं।क्या है’माईल हाई क्लब’का यह खतरनाक और गैर-जिम्मेदाराना सच?’माईल हाई क्लब’ (Mile High Club)एक स्लैंग टर्म है जिसका इस्तेमाल उन लोगों के लिए किया जाता है जो हजारों फीट की ऊंचाई पर उड़ते हुए विमान में यौन गतिविधियों में लिप्त होते हैं। आमतौर पर यह यात्रियों के संदर्भ में मजाकिया तौर पर इस्तेमाल होता है। लेकिन एयर होस्टेस का खुलासा इस मजाक को एक भयावह और जानलेवा हकीकत में बदल देता है।एयर होस्टेस ने दावा किया है कि कई बार पायलट और केबिन क्रू के सदस्य लंबी दूरी की उड़ानों (long-haul flights)के दौरान एक-दूसरे के साथ रोमांटिक और शारीरिक रूप से अंतरंग हो जाते हैं। और यह सब तब होता है,जब सैकड़ों यात्रियों की जान की ज़िम्मेदारी उनके कंधों पर होती है।कितना खतरनाक है यह’जानलेवा रोमांस’?इस खुलासे की सबसे डरावनी बात है’ऑटोपायलट’ (Autopilot)पर विमान को छोड़ देना। आम धारणा के विपरीत,ऑटोपायलट का मतलब यह नहीं होता कि पायलट आराम से सो सकता है या कॉकपिट छोड़कर कहीं भी जा सकता है।ऑटोपायलट की सीमाएं:ऑटोपायलट एक बहुत ही उन्नत प्रणाली है जो एक निर्धारित मार्ग पर विमान को उड़ाती है,लेकिन यह अप्रत्याशित स्थितियों को नहीं संभाल सकती।किस तरह के खतरे हो सकते हैं?:अचानक टर्बुलेंस (Turbulence):अगर विमान अचानक गंभीर टर्बुलेंस में फंस जाए,तो उसे संभालने के लिए पायलट की तत्काल प्रतिक्रिया की ज़रूरत होती है।सिस्टम में खराबी:विमान के किसी सिस्टम में खराबी आने पर चेतावनी अलार्म बजते हैं,जिन्हें सुनकर तुरंत कार्रवाई करनी होती है।हवाई यातायात नियंत्रक (ATC)से संपर्क: ATCसे लगातार निर्देश मिलते रहते हैं,जिन्हें सुनना और उनका पालन करना अनिवार्य होता।अन्य विमान से टक्कर का खतरा:अगर कोई दूसरा विमान बहुत करीब आ जाए,तोTCAS (Traffic Collision Avoidance System)अलर्ट देता है और पायलट को तुरंत विमान का नियंत्रण संभालना होता है।इनमें से किसी भी स्थिति में,अगर पायलट कॉकपिट में मौजूद नहीं है या उसका ध्यान कहीं और है,तो कुछ ही सेकंड की देरी एक भयानक विमान दुर्घटना का कारण बन सकती, जिसमें किसी के भी बचने की कोई गुंजाइश नहीं होगी।क्यों होती हैं ऐसी घटनाएं?इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना हरकतों के पीछे कई कारण हो सकते हैं,हालांकि कोई भी कारण इस जानलेवा लापरवाही को सही नहीं ठहरा सकता:लंबी और उबाऊ उड़ानें: 10-15घंटे की लंबी उड़ानों में काम कई बार नीरस हो सकता है,जिससे ऐसी हरकतें जन्म ले सकती हैं।काम का तनाव और एकांत:लगातार यात्रा करने और घर से दूर रहने से क्रू सदस्यों के बीच एक अलग तरह का बॉन्ड बन जाता है,जो कभी-कभी अनैतिक रिश्तों में बदल जाता है।क्या कहता है कानून और क्या हो सकती है सज़ा?विमानन कानून (Aviation Law)के तहत यह एक बेहद गंभीर अपराध है। अगर किसी पायलट या क्रू मेंबर पर ऐसे आरोप साबित हो जाते हैं,तो:उन्हें तत्काल नौकरी से निकाल दिया जाता।उनका फ्लाइंग लाइसेंस हमेशा के लिए रद्द कर दिया जाता है।उन पर सैकड़ों यात्रियों की जान को खतरे में डालने के लिए आपराधिक मुकदमा भी चलाया जा सकताਹੈ,जिसमें लंबी जेल की सज़ा हो सकती।यह खुलासा उन लाखों यात्रियों के लिए एक चेतावनी है,जो आंख मूंदकर एयरलाइन क्रू पर भरोसा करते हैं। यह एयरलाइन कंपनियों के लिए भी एक सबक है कि वे अपने कर्मचारियों की भर्ती,प्रशिक्षण और उड़ान के दौरान उनके व्यवहार की निगरानी को और अधिक सख्त बनाएं,क्योंकि एक छोटी सी’गलती’सैकड़ों परिवारों की जिंदगी तबाह कर सकती है।