समुद्र में छिपा है अमेरिकी अर्थव्यवस्था से 25 गुना बड़ा खजाना, मिल जाए तो सोने से भर जाएगी दुनिया

3 Min Read
समुद्र में छिपा है अमेरिकी अर्थव्यवस्था से 25 गुना बड़ा खजाना, मिल जाए तो सोने से भर जाएगी दुनिया

इजराइल-ईरान युद्ध के कारण सोने की कीमत में भारी उछाल आया है और यह अब तक के उच्चतम स्तर के करीब पहुंच गया है। जब भी दुनिया में कोई आपदा आती है, तो सोने की चमक बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि लोग सोने को निवेश का सुरक्षित जरिया मानते हैं। सरकारें भी अपने खजाने में ज्यादा से ज्यादा सोना रखती हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा सोने का भंडार अमेरिका के पास है। भारत, चीन, तुर्की और पोलैंड जैसे देशों के केंद्रीय बैंकों ने भी हाल ही में अपने भंडार में सोने की मात्रा बढ़ाई है। इसकी एक वजह डॉलर पर निर्भरता कम करना भी है।

सोने की चमक ने हर युग में मनुष्य को मोहित किया है। प्राचीन काल से ही सोने का उपयोग आभूषण और विनिमय के साधन के रूप में किया जाता रहा है। एक अनुमान के अनुसार, दुनिया में अब तक केवल 208,874 टन सोने का खनन किया गया है। लेकिन लगभग 20 मिलियन टन सोना अभी भी समुद्र में छिपा हुआ है। फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, इसकी कीमत 771 ट्रिलियन टन हो सकती है। यह दुनिया की कुल जीडीपी का लगभग सात गुना और अमेरिका की जीडीपी का लगभग 25 गुना है।

समुद्र में कितना सोना है?

एक अनुमान के अनुसार, विश्व अर्थव्यवस्था का आकार 100 ट्रिलियन डॉलर है और अमेरिका की जीडीपी का आकार 30.50 ट्रिलियन डॉलर है। अमेरिका की राष्ट्रीय महासागर सेवा के अनुसार, उत्तरी प्रशांत और अटलांटिक महासागरों में हर 100 मिलियन मीट्रिक टन पानी में एक ग्राम सोना है। सवाल यह है कि जब समुद्र में इतना सोना छिपा है, तो उसे निकाला क्यों नहीं जा रहा है? यह काम इतना आसान नहीं है। इसकी वजह यह है कि समुद्र से सोना निकालना बहुत महंगा है।

दरअसल, एक लीटर समुद्री जल में एक ग्राम का 13 बिलियनवां हिस्सा सोना होता है। लेकिन वर्तमान में समुद्री जल से सोना निकालने और लाभ कमाने का कोई सस्ता तरीका नहीं है। हालाँकि, ऐसा नहीं है कि समुद्री जल से सोना निकालने के प्रयास नहीं किए गए हैं। कई आविष्कारकों और निवेशकों ने यह कोशिश की है।

सोना निकालने का प्रयास

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1890 के दशक में पादरी फोर्ड जेर्निगन ने लॉन्ग आइलैंड साउंड से पारे और बिजली से सोना निकालने की योजना बनाई थी। इसके लिए उन्होंने इलेक्ट्रोलाइटिक मरीन साल्ट्स कंपनी बनाई और निवेशकों से 1 मिलियन डॉलर भी जुटाए। लेकिन जल्द ही जेर्निगन सारा पैसा लेकर गायब हो गया। उसके बाद भी कई लोगों और संगठनों ने समुद्री पानी से सोना अलग करने की कोशिश की लेकिन वे असफल रहे।

Share this Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version