
News India live, Digital Desk: Comment on army: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी एक बार फिर सेना पर की गई अपनी एक पुरानी टिप्पणी के मामले में लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश नहीं हुए। यह लगातार पांचवीं बार है जब वह सुनवाई के लिए अदालत नहीं पहुंचे। यह मामला 2016 में उनके द्वारा दिए गए एक विवादित बयान से जुड़ा है।
साल 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद राहुल गांधी ने एक बयान में कथित तौर पर कहा था कि सरकार सेना के जवानों के खून की दलाली कर रही है। उनके इस बयान को लेकर काफी विवाद हुआ था। इसी बयान के खिलाफ लखनऊ के एक वकील नृपेंद्र पांडे ने 2018 में कोर्ट में मानहानि का केस दायर किया था। उनका आरोप था कि राहुल गांधी की इस टिप्पणी से सेना का अपमान हुआ है।
अदालत में आज क्या हुआ?
मंगलवार को इस मामले की सुनवाई थी और राहुल गांधी को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होना था। लेकिन वह नहीं आए। उनकी तरफ से उनके वकील ने कोर्ट में हाजिरी माफी की अर्जी दी, यानी पेशी से एक दिन की छूट मांगी।
अदालत ने उनकी अर्जी स्वीकार तो कर ली, लेकिन साथ ही मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 2 जुलाई तय कर दी है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि राहुल गांधी को अगली सुनवाई पर हर हाल में मौजूद रहना होगा।
क्यों जरूरी है राहुल गांधी की पेशी?
इस मामले में शिकायतकर्ता (वकील नृपेंद्र पांडे) की तरफ से सभी सबूत और गवाह पेश किए जा चुके हैं। अब कानून के मुताबिक, आरोपी (राहुल गांधी) को अदालत के सामने पेश होकर अपना बयान (CrPC 313 के तहत) दर्ज कराना होता है। इस प्रक्रिया के लिए उनका व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहना अनिवार्य है। इसी वजह से अदालत उन्हें बार-बार पेश होने के लिए कह रही है।
अब सबकी नजरें 2 जुलाई की तारीख पर टिकी हैं कि क्या राहुल गांधी इस बार कोर्ट में पेश होंगे या नहीं।