
News India Live, Digital Desk: UP CM Yogi Adityanath : उत्तर प्रदेश में इन दिनों बदलाव की एक नई लहर चल रही है! सरकार केवल बड़े शहरों या रेलवे स्टेशनों के नाम ही नहीं बदल रही, बल्कि अब आम लोगों से जुड़े बस अड्डों को भी एक नई और गर्व भरी पहचान मिल रही है। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए प्रदेश के दो अहम बस स्टेशनों के नाम बदल दिए हैं। यह कदम दिखाता है कि सरकार अपने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक गौरव को संरक्षित करने और जनभावनाओं का सम्मान करने के प्रति कितनी गंभीर है।
तो आइए जानते हैं कौन से हैं ये दो बस स्टेशन और क्या होंगे उनके नए नाम, जो उन्हें अब एक नई पहचान देंगे:
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सहारनपुर बस स्टेशन (Saharanpur Bus Station) का नया नाम:
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण शहर, सहारनपुर, जिसे आम तौर पर अपने बस अड्डे से जाना जाता था, उसे अब एक नया और धार्मिक महत्व का नाम मिला है। अब सहारनपुर बस स्टेशन को ‘माँ शाकंभरी देवी बस स्टेशन’ के नाम से जाना जाएगा! यह नाम बदलना उस क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध माँ शाकंभरी देवी मंदिर से जुड़ा है, जहाँ लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। यह फैसला स्थानीय लोगों की उस गहरी आस्था को दर्शाता है जो इस पावन स्थल के प्रति रखते हैं। अब बस स्टैंड का नाम सीधा इस श्रद्धा से जुड़ जाएगा। -
उन्नाव के हाजीगंज बस स्टेशन (Hajiganj Bus Station) का नया नाम:
गंगा-यमुना के दोआब क्षेत्र में स्थित उन्नाव, जिसकी अपनी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है, वहाँ के एक महत्वपूर्ण बस अड्डे को भी नई पहचान मिली है। उन्नाव के ‘हाजीगंज बस स्टेशन’ का नाम बदलकर अब ‘उन्नाव शहीद चंद्रशेखर आजाद बस स्टेशन’ कर दिया गया है! यह नाम भारत के महानतम स्वतंत्रता सेनानियों में से एक, चंद्रशेखर आजाद को समर्पित किया गया है, जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी थी। यह नामकरण न सिर्फ हमारी युवा पीढ़ी को उनके बलिदान की याद दिलाएगा, बल्कि उन्हें देशभक्ति के लिए प्रेरित भी करेगा।
क्यों बदल रही है नाम?
नाम बदलना केवल औपचारिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि उस जगह की भावना, उसके इतिहास और उससे जुड़ी मान्यताओं को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास होता है। उत्तर प्रदेश सरकार लगातार उन जगहों के नाम बदल रही है जिनका संबंध किसी देवी-देवता, स्वतंत्रता सेनानी या किसी महान ऐतिहासिक व्यक्तित्व से रहा है। इसका मकसद लोगों को अपनी जड़ों से जोड़ना, सांस्कृतिक पहचान को सामने लाना और आने वाली पीढ़ियों को अपने गौरवशाली इतिहास के बारे में बताना है।
यह फैसला निश्चित रूप से स्थानीय लोगों की सालों पुरानी इच्छा पूरी करता है और उनके मन में एक नया सम्मान पैदा करेगा। उम्मीद है कि इन बदलावों से न केवल यात्रा का अनुभव बेहतर होगा, बल्कि यह स्थानीय विरासत और मूल्यों को भी बढ़ावा देगा। यह दिखाता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार राज्य के विकास और सांस्कृतिक उत्थान के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
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