The train of development will run in Bihar : बेतिया-छितौनी से बिछेगी नई रेल लाइन, 28 गांवों से जमीन का अधिग्रहण शुरू

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The train of development will run in Bihar : बेतिया-छितौनी से बिछेगी नई रेल लाइन, 28 गांवों से जमीन का अधिग्रहण शुरू
The train of development will run in Bihar : बेतिया-छितौनी से बिछेगी नई रेल लाइन, 28 गांवों से जमीन का अधिग्रहण शुरू

News India Live, Digital Desk: The train of development will run in Bihar :  बिहार के बेतिया और छितौनी जैसे क्षेत्रों में विकास को नई रफ्तार मिलने वाली है! भारतीय रेलवे ने इन इलाकों में एक बिल्कुल नई रेलवे लाइन बिछाने का फैसला किया है। इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए इन क्षेत्रों के 28 गांवों से ज़मीन का अधिग्रहण किया जाएगा। यह कदम न केवल इन गांवों और आसपास के इलाकों को बेहतर रेलवे कनेक्टिविटी देगा, बल्कि पूरे क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा देगा।

क्यों ज़रूरी है यह नई रेल लाइन?

इस नई रेल लाइन के बिछाने का मुख्य उद्देश्य दुर्गम और पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ना है। इससे आवागमन आसान होगा, व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों के लिए नई सुविधाओं के द्वार खुलेंगे। यह परियोजना रेल मंत्रालय की उस दूरदृष्टि का हिस्सा है जिसमें देश के हर कोने को रेल नेटवर्क से जोड़ने का लक्ष्य है।

किस प्रकार होगा ज़मीन का अधिग्रहण और मिलेगा मुआवजा?

रेल मंत्रालय के निर्देशानुसार, यह ज़मीन अधिग्रहण कानून (Land Acquisition Act) के तहत पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाएगा। प्रभावित होने वाले 28 गांवों के किसानों और ज़मीन मालिकों को सरकार द्वारा तय उचित और आकर्षक मुआवज़ा दिया जाएगा। रेलवे और स्थानीय प्रशासन मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि भूस्वामियों को कोई परेशानी न हो और प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न हो।

इस नई रेल लाइन के संभावित फायदे:

  1. बेहतर कनेक्टिविटी: बेतिया और छितौनी के ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्र अब सीधे मुख्य रेल नेटवर्क से जुड़ जाएंगे।

  2. यात्रा में आसानी: लोगों को आने-जाने में सहूलियत होगी, कम समय और कम खर्च में वे यात्रा कर पाएंगे।

  3. आर्थिक विकास: नई रेल लाइन के आसपास उद्योग और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। कृषि उपज को मंडियों तक पहुंचाना आसान होगा, जिससे किसानों को लाभ होगा।

  4. रोजगार के अवसर: निर्माण कार्य और उसके बाद के रखरखाव व संचालन से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए मौके पैदा होंगे।

  5. सामरिक महत्व: यह लाइन पश्चिमी बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के बीच एक महत्वपूर्ण लिंक भी स्थापित कर सकती है, जिससे इस क्षेत्र की रणनीतिक कनेक्टिविटी बढ़ेगी।

  6. टूरिज्म को बढ़ावा: अगर आस-पास कोई धार्मिक या पर्यटन स्थल है, तो कनेक्टिविटी बढ़ने से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

यह परियोजना ‘राष्ट्रीय रेल विकास योजना’ और ‘पीएम गति शक्ति’ जैसी पहलों का एक अभिन्न हिस्सा है, जो देश भर में आधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण पर ज़ोर दे रही हैं। यह रेल लाइन बिहार के लोगों के लिए एक नई ‘विकास की बयार’ लाएगी और उनके जीवन स्तर में सुधार लाएगी।

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