students can carry smartphone to their school ban on this undesirable says court

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स्कूलों में छात्रों के Smartphone यूज करने को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. हाई कोर्ट ने कहा है कि स्कूलों में स्मार्टफोन के उपयोग को प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता. स्कूलों में छात्रों के स्मार्टफोन यूज करने पर कोर्ट ने कहा कि यह डिवाइस छात्रों और परिजनों के बीच कॉर्डिनेशन बनाए रखने समेत कई काम आता है, जिससे बच्चों की सेफ्टी सुनिश्चित होती है. दुनिया के अन्य कई देशों के स्कूलों में मोबाइल पर बैन है. ऐसे में भारत एक नई राह पर चलता नजर आ रहा है.

स्कूल में फोन के यूज को प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता- कोर्ट

कोर्ट ने कहा कि नीतिगत तौर पर छात्रों को स्कूलों में स्मार्टफोन ले जाने से नहीं रोका जा सकता, लेकिन इसके इस्तेमाल पर निगरानी रखी जा सकती है. छात्र स्कूल में सुरक्षित जगह पर अपना फोन रख सकते हैं और घर जाते समय इसे वापस ले जा सकते हैं. क्लासरूम में अनुशासन बनाए रखने के लिए क्लास में फोन के यूज पर प्रतिबंध होना चाहिए और कॉमन एरिया और स्कूल वाहन में स्मार्टफोन के कैमरा और रिकॉर्डिंग के इस्तेमाल पर पाबंदी रहनी चाहिए.

छात्रों का स्मार्टफोन का नैतिक उपयोग सीखाएं

कोर्ट ने अपने ऑर्डर में यह भी कहा कि स्कूलों को अपने छात्रों को जिम्मेदारीपूर्ण ऑनलाइन बर्ताव, डिजिटल मैनर और फोन के नैतिक उपयोग के बारे में जागरूक करना चाहिए. इसके अलावा छात्रों को ज्यादा स्क्रीन टाइम, साइबर बुलिंग और बैचेनी आदि से बचने के लिए काउसिंलिग आदि देनी चाहिए. 

दुनिया से अलग राह पर निकला भारत

अमेरिका और फ्रांस समेत दुनिया के कई देशों में छात्रों के मोबाइल फोन इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगा हुआ है. स्वीडन में 2 साल से कम के बच्चे को स्क्रीन का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है. किशोरावस्था में भी छात्र सीमित समय तक स्क्रीन यूज कर सकते हैं. इसी तरह अमेरिका भी स्कूलों में फोन के इस्तेमाल पर नियम बनाने पर विचार कर रहा है. इटली में माध्यमिक स्कूल तक के छात्र फोन इस्तेमाल नहीं कर सकते.

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