
एक मोबाइल फोन आज हमारी दुनिया बन चुका है, लेकिन क्या यह हमारी जिंदगी से बढ़कर है? बदायूं में हुई एक दर्दनाक घटना इस सवाल का एक ऐसा खौफनाक जवाब देती है, जो हम सबको सोचने पर मजबूर कर देगा। यह कहानी एक 24 साल के नौजवान की है, जिसकी जान एक बंदर और एक मोबाइल फोन के चक्कर में चली गई।
वाराणसी का रहने वाला 24 वर्षीय आकाश, अपने मामा के घर बदायूं घूमने आया था। परिवार में खुशियों का माहौल था। उस मनहूस दिन, आकाश घर की छत पर बैठकर अपने मोबाइल फोन पर कुछ कर रहा था। तभी, अचानक कहीं से एक बंदर आया और पलक झपकते ही उसके हाथ से फोन छीनकर भागने लगा।
एक पल का गुस्सा और एक जानलेवा फैसला
अपना फोन वापस पाने के लिए आकाश भी आव-न-देखा, ताव-न-देखा, और बंदर के पीछे दौड़ पड़ा। छत पर यह भाग-दौड़ चल ही रही थी कि उसका संतुलन बिगड़ गया और वह सीधे तीन मंजिल की ऊंचाई से नीचे जमीन पर आ गिरा।
घर में चीख-पुकार मच गई। परिवार वाले जब तक कुछ समझ पाते, आकाश खून से लथपथ बेहोश हो चुका था। उसे फौरन अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
यह सिर्फ एक हादसा नहीं, एक लगातार बना हुआ खतरा है
यह कोई पहली घटना नहीं है। बदायूं, वृंदावन, वाराणसी जैसे कई शहरों में बंदरों का आतंक एक आम समस्या बन चुका है। वे अक्सर लोगों से खाने-पीने का सामान, चश्मा और मोबाइल फोन छीन लेते हैं। लेकिन यह दर्दनाक घटना एक कड़वा सबक है कि इन जानवरों से उलझना जानलेवा भी हो सकता है।
जिस घर में कुछ घंटे पहले हंसी-ठहाके गूंज रहे थे, वहां अब मातम पसरा है। एक परिवार ने अपना जवान बेटा खो दिया, और वजह? एक मोबाइल फोन, जिसकी कीमत जिंदगी के आगे कुछ भी नहीं थी। यह घटना हम सभी के लिए एक चेतावनी है कि ऐसी स्थिति में हमें गुस्से में नहीं, बल्कि सूझबूझ से काम लेना चाहिए, क्योंकि कोई भी चीज हमारी जिंदगी से बढ़कर नहीं हो सकती।