Eating Idli can also cause cancer Know who made this claim after which the investigation started

admin
4 Min Read

अगर आप भी इडली के दीवाने हैं तो सावधान हो जाइए. रिपोर्ट्स के अनुसार, इडली से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा हो सकता है. फूड डिपार्टमेंट की जांच में पाया गया है कि बेंगलुरु के कई इलाकों में इडली बनाने के लिए पारंपरिक सूती कपड़े की जगह अब प्लास्टिक शीट का यूज किया जा रहा है. यह प्लास्टिक इडली (Idli) बनाते समय गर्मी के संपर्क में आता है और जहरीले केमिकल छोड़ता है, जो शरीर में पहुंचकर धीरे-धीरे गंभीर रोग बन सकता है.

अगर आप भी इडली के दीवाने हैं तो सावधान हो जाइए. रिपोर्ट्स के अनुसार, इडली से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा हो सकता है. फूड डिपार्टमेंट की जांच में पाया गया है कि बेंगलुरु के कई इलाकों में इडली बनाने के लिए पारंपरिक सूती कपड़े की जगह अब प्लास्टिक शीट का यूज किया जा रहा है. यह प्लास्टिक इडली (Idli) बनाते समय गर्मी के संपर्क में आता है और जहरीले केमिकल छोड़ता है, जो शरीर में पहुंचकर धीरे-धीरे गंभीर रोग बन सकता है.

जांच में पाया गया कि इनमें से 35 से ज्यादा सैंपल्स सेहत के लिए खतरनाक है. अभी भी 100 से ज्यादा सैंपल्स की रिपोर्ट आना बाकी है. अधिकारियों का कहना है कि प्लास्टिक के इस्तेमाल पर सख्त एक्शन लिया जाएगा.  अगर रिपोर्ट ज्यादा चौंकाने वाले तथ्य सामने लाती है, तो आने वाले समय में इडली बनाने के नियमों में भी बदलाव हो सकता है.

जांच में पाया गया कि इनमें से 35 से ज्यादा सैंपल्स सेहत के लिए खतरनाक है. अभी भी 100 से ज्यादा सैंपल्स की रिपोर्ट आना बाकी है. अधिकारियों का कहना है कि प्लास्टिक के इस्तेमाल पर सख्त एक्शन लिया जाएगा. अगर रिपोर्ट ज्यादा चौंकाने वाले तथ्य सामने लाती है, तो आने वाले समय में इडली बनाने के नियमों में भी बदलाव हो सकता है.

इस जांच में यह भी पाया गया कि कुछ दुकानदार और होटल्स में इडली के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले चावल और उरद दाल खराब क्वालिटी के इस्तेमाल हो रहे हैं. इडली को ज्यादा सफेद और आकर्षक दिखाने उसमें ब्लीचिंग पाउडर, सिंथेटिक रंग और केमिकल्स मिलाए जा रहे, जो खाने वाली चीजों में नहीं होने चाहिए.ये हानिकारक तत्व शरीर में पहुंचकर सेहत के लिए गंभीर खतरे पैदा कर सकते है.

इस जांच में यह भी पाया गया कि कुछ दुकानदार और होटल्स में इडली के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले चावल और उरद दाल खराब क्वालिटी के इस्तेमाल हो रहे हैं. इडली को ज्यादा सफेद और आकर्षक दिखाने उसमें ब्लीचिंग पाउडर, सिंथेटिक रंग और केमिकल्स मिलाए जा रहे, जो खाने वाली चीजों में नहीं होने चाहिए.ये हानिकारक तत्व शरीर में पहुंचकर सेहत के लिए गंभीर खतरे पैदा कर सकते है.

एक्सपर्ट्स का कहना है  प्लास्टिक में बनी इडली से शरीर में टॉक्सिन्स बढ़ने का खतरा रहता है. इससे पेट से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं. इसकी वजह से हार्मोनल प्रॉब्लम्स हो सकती हैं.इतना ही नहीं इससे कैंसर (Cancer) तक का खतरा रहता है.

एक्सपर्ट्स का कहना है प्लास्टिक में बनी इडली से शरीर में टॉक्सिन्स बढ़ने का खतरा रहता है. इससे पेट से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं. इसकी वजह से हार्मोनल प्रॉब्लम्स हो सकती हैं.इतना ही नहीं इससे कैंसर (Cancer) तक का खतरा रहता है.

इडली बनाने में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक में बिसफेनॉल ए (BPA) जैसे केमिकल्स होते हैं, जो कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है. इसी तरह अगर प्लास्टिक में फथलेट्स है, तो यह ज्यादा खतरनाक है. ये केमिकल कार्सीजेनिक हैं.

इडली बनाने में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक में बिसफेनॉल ए (BPA) जैसे केमिकल्स होते हैं, जो कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है. इसी तरह अगर प्लास्टिक में फथलेट्स है, तो यह ज्यादा खतरनाक है. ये केमिकल कार्सीजेनिक हैं.

इन केमिकल्स के संपर्क में आने से कैंसर का रिस्क कई गुना तक बढ़ सकता है. यह जोखिम तब और बढ़ जाता है, जब प्लास्टिक (Plastic) में इडली को रखा जाता है.

इन केमिकल्स के संपर्क में आने से कैंसर का रिस्क कई गुना तक बढ़ सकता है. यह जोखिम तब और बढ़ जाता है, जब प्लास्टिक (Plastic) में इडली को रखा जाता है.

Published at : 28 Feb 2025 10:07 AM (IST)

लाइफस्टाइल फोटो गैलरी

लाइफस्टाइल वेब स्टोरीज

Share this Article
Leave a comment