Cyber Fraud: पिछले कुछ वर्षों में ऑनलाइन ठगी के मामलों में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है. समय के साथ ठगों की चालाकी भी बढ़ी है जिससे पीड़ितों को आर्थिक और मानसिक रूप से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. हाल ही में पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर जिले से एक ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां एक 70 वर्षीय रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी से 6.5 लाख रुपये ठग लिए गए. आइए जानते हैं कैसे ठगों ने दिया घटना को अंजाम.
कैसे हुआ Cyber Fraud
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस मामले की रिपोर्ट टेलीग्राफ ऑनलाइन ने दी है. पीड़ित को करीब एक महीने पहले एक अनजान नंबर से वीडियो कॉल आई. कॉल रिसीव करने पर स्क्रीन पर एक महिला दिखाई दी. शुरुआत में यह कॉल सामान्य लग रही थी लेकिन बाद में यह एक साइबर ठगी का हिस्सा निकली.
कुछ दिनों बाद पीड़ित को फिर से वीडियो कॉल आई जिसमें उन्हें एक मॉर्फ की गई (डिजिटल रूप से बदली गई) तस्वीर दिखाई गई. इस तस्वीर में उन्हें उस महिला के साथ दिखाया गया था जिससे पहले वीडियो कॉल पर बात हुई थी. यह देखकर वह घबरा गए और डर के मारे परेशान हो गए. इसके बाद ठगों ने ब्लैकमेल करना शुरू किया. महिला ने धमकी दी कि अगर पैसे नहीं दिए गए तो वह उनकी मॉर्फ की गई तस्वीरों को सोशल मीडिया पर वायरल कर देगी. पहले तो बुजुर्ग ने पैसे देने की सोची लेकिन फिर संकोच करने लगे. जब ठगों को उनकी झिझक महसूस हुई तो उन्होंने धमकियों को और बढ़ा दिया.
नकली पुलिस बनकर डराया
जब पीड़ित ने पैसे देने से इनकार कर दिया तो कुछ दिनों बाद उन्हें दोबारा कॉल आई. इस बार ठगों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताया और कहा कि महिला ने आत्महत्या करने की कोशिश की है और वह दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती है.
इसके अलावा, नकली पुलिस अधिकारियों ने पीड़ित को झूठी कानूनी धमकी दी कि अगर उन्होंने महिला के इलाज के लिए पैसे नहीं भेजे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. डर और घबराहट में आकर बुजुर्ग ने करीब 6.5 लाख रुपये ठगों के खाते में ट्रांसफर कर दिए.
लेकिन ठगों की मांग यहीं खत्म नहीं हुई. उन्होंने और पैसे मांगने शुरू कर दिए जिससे बुजुर्ग को शक हुआ. उन्होंने अपनी पत्नी को इस घटना के बारे में बताया जिन्होंने तुरंत समझ लिया कि यह एक साइबर ठगी का मामला है. उनकी पत्नी ने उन्हें पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी.
ऐसे साइबर फ्रॉड से कैसे बचें
यह कोई अकेला मामला नहीं है. सोशल मीडिया पर कई लोगों ने ऐसे ही फर्जी वीडियो कॉल और ब्लैकमेलिंग के अनुभव साझा किए हैं. आमतौर पर ठग पहले रोमांटिक बातचीत या टेक्स्टिंग के जरिए बातचीत शुरू करते हैं फिर वीडियो कॉल के स्क्रीनशॉट लेकर तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ करते हैं और ब्लैकमेलिंग शुरू कर देते हैं. ऐसे साइबर फ्रॉड से बचने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए.
- अनजान नंबर से आने वाले संदिग्ध कॉल को नजरअंदाज करें. अगर कोई ब्लैकमेल करने की कोशिश करे, तो तुरंत कॉल बंद कर दें और पुलिस में रिपोर्ट करें.
- अगर कोई खुद को पुलिस अधिकारी या सरकारी अफसर बताता है, तो उसकी पहचान की पुष्टि करें. संबंधित विभाग से सीधे संपर्क करें, लेकिन कॉल करने वाले द्वारा दिए गए नंबर पर भरोसा न करें.
- कभी भी अपनी निजी जानकारी, फोटो, या बैंक डिटेल्स अनजान लोगों के साथ साझा न करें. खासकर ऑनलाइन या फोन पर बातचीत के दौरान.
- ब्लैकमेलिंग के शिकार होने पर डरें नहीं. ऐसे मामलों में घबराकर पैसे भेजने से ठगों का हौसला बढ़ता है, इसलिए परिवार के सदस्यों या कानून प्रवर्तन एजेंसियों से मदद लें.
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