
News India live, Digital Desk : Bhastrika Pranayama : आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव, बढ़ता वजन और कम ऊर्जा आम समस्याएं बन गई हैं। लेकिन योग में एक ऐसा शक्तिशाली प्राणायाम है, जो इन सभी समस्याओं का एक प्रभावी समाधान हो सकता है – इसका नाम है भस्त्रिका प्राणायाम। ‘भस्त्रिका’ का अर्थ होता है ‘धौंकनी’, जैसे लोहार अपनी धौंकनी से हवा भरकर आग को तेज करता है, ठीक वैसे ही यह प्राणायाम हमारे शरीर में ऊर्जा का संचार करता है।
आइए, विस्तार से जानते हैं इसके अद्भुत फायदों के बारे में।
भस्त्रिका प्राणायाम के मुख्य फायदे:
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वजन घटाने में सहायक (Weight Loss): यह प्राणायाम शरीर के मेटाबॉलिज्म को तेज करता है, जिससे कैलोरी तेजी से बर्न होती है। नियमित अभ्यास से पेट की चर्बी कम करने में विशेष मदद मिलती है।
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शरीर की गहरी सफाई (Detoxification): तेजी से सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया में शरीर से कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य विषैले तत्व प्रभावी ढंग से बाहर निकल जाते हैं, जिससे शरीर अंदर से शुद्ध होता है।
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बेहतर रक्त संचार (Improved Blood Circulation): यह प्राणायाम शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाता है, जिससे रक्त संचार में सुधार होता है। इसका असर यह होता है कि शरीर के हर अंग तक पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण पहुंचता है।
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फेफड़ों को बनाए मजबूत (Stronger Lungs): भस्त्रिका के अभ्यास से फेफड़े और डायाफ्राम की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। यह फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और अस्थमा जैसी सांस की बीमारियों में भी फायदेमंद हो सकता है (लेकिन विशेषज्ञ की देखरेख में)।
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तनाव और चिंता से मुक्ति (Stress and Anxiety Relief): यह शक्तिशाली श्वास तकनीक तंत्रिका तंत्र को शांत करती है। इसके अभ्यास से मन स्थिर होता है और तनाव, चिंता व डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं से राहत मिलती है।
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इम्यूनिटी बढ़ाए (Boosts Immunity): जब शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं और ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है, तो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) स्वाभाविक रूप से मजबूत होती है।
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ऊर्जा का पावरहाउस (Increased Energy): यदि आप अक्सर थका हुआ या सुस्त महसूस करते हैं, तो भस्त्रिका आपके लिए है। यह शरीर को तुरंत ऊर्जा और स्फूर्ति प्रदान करता है।
भस्त्रिका प्राणायाम करने की विधि:
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किसी भी आरामदायक ध्यान मुद्रा (जैसे पद्मासन या सुखासन) में कमर और गर्दन सीधी करके बैठ जाएं।
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अब पूरी ताकत से गहरी सांस अंदर भरें, जिससे आपके फेफड़े पूरी तरह से हवा से भर जाएं।
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इसके तुरंत बाद, उतनी ही ताकत से सांस को बाहर छोड़ें।
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सांस लेने और छोड़ने की यह प्रक्रिया लयबद्ध और शक्तिशाली होनी चाहिए, जिसमें धौंकनी जैसी आवाज आए।
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शुरुआत में 10-15 बार सांस लेने-छोड़ने का एक चक्र (राउंड) पूरा करें। फिर थोड़ी देर आराम करें। ऐसे 2-3 चक्र दोहराएं।
सावधानियां: इन लोगों को नहीं करना चाहिए भस्त्रिका
यह एक शक्तिशाली प्राणायाम है, इसलिए कुछ लोगों को इसे करने से बचना चाहिए:
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उच्च रक्तचाप (High BP) के मरीज।
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हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति।
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गर्भवती महिलाएं।
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जिन्हें हर्निया, मिर्गी या पेट का अल्सर हो।
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जिनकी हाल ही में पेट की कोई सर्जरी हुई हो।