Ear Tumors : कान में दर्द को इंफेक्शन समझकर इग्नोर करने की गलती कभी न करें, क्योंकि यह ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumor) का लक्षण हो सकता है. हाल ही में एक 19 साल के लड़के के साथ ऐसा ही हुआ. इस लड़के का नाम जैक सेक्सटन है. पिछले साल अक्टूबर में उसे हल्का सा चक्कर आया था, आंखों और बोलने में दिक्कतें हुई थीं. जब वह डॉक्टर के पास पहुंचा तो कान में इंफेक्शन (Ear Infection) मानकर टाल दिया गया. लेकिन चार महीने बाद जब पता चला कि जैक को ग्लियोब्लास्टोमा ब्रेन ट्यूमर है तो हर कोई हैरान रह गया.
क्या है पूरा मामला
जैक एक बार्बर है. अक्टूबर 2024 में उसे कुछ समस्याएं हुईं. उसकी फैमिली ने बतायाकि जब उसने डॉक्टर को दिखाया तो पहले डॉक्टर ने इसे ग्रंथी वाले बुखार का साइड इफेक्ट बताया और कान के इंफेक्शन की दवा दी. कुछ दिनों बाद जब उसकी हालत बिगड़ने लगी तो दूसरे डॉक्टर के पास ले गए,जहां इलाज करने के दो हफ्ते बाद सीटी स्कैन कराया गया.
हालांकि, इससे कोई आराम नहीं मिली और जैक की हालत ज्यादा खराब हो गई. इसके बाद उसे प्रिंस चार्ल्स हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां स्कैन के बाद पता चला कि उसे सबसे खतरनाक कैंसर में से एक ब्रेन स्टेम ग्लियोब्लास्टोमा (Brain Stem Glioblastoma) है.
कैसे हुआ इलाज
ब्रेन स्टेम ग्लियोब्लास्टोमा का इलाज इतना आसान नहीं है. इससे बचाने के लिए 6 हफ्तों तक जैक की रेडियोथेरेपी हुई. क्रिसमस 2024 से एक दिन पहले उसका इलाज खत्म हुआ लेकिन साइड इफेक्ट्स बाद में भी नजर आते रहे. हालत ये हो गई कि उसे कुछ भी निगलने में परेशानी होने लगी और यहां तक कि बिस्तर से उठ भी नहीं पा रहा था.
अभी कैसी है हालत
ग्लियोब्लास्टोमा ट्यूमर क्या है
ग्लियोब्लास्टोमा ट्यूमर एक तरह का ब्रेन ट्यूमर है जो ग्लियल कोशिकाओं से पैदा होता है. यह ट्यूमर मस्तिष्क के अंदरूनी हिस्से में बढ़ता है और दिमाग के सामान्य काम को भी प्रभावित कर सकता है. यह दुनिया के सबसे खतरनाक कैंसर में से एक है.
ग्लियोब्लास्टोमा ट्यूमर के लक्षण
सिरदर्द, कान दर्द
सुनने और देखने में परेशानी
व्यवहार में बदलाव
मेमोरी लॉस
ग्लियोब्लास्टोमा ट्यूमर के कारण
जेनेटिक म्यूटेशन
विकिरण के संपर्क में आना
कुछ केमिकल्स के संपर्क में आने से
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