पटना: बिहार में जमीन, मकान आदि की रजिस्ट्री कराने वाले लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अब उन्हें संबंधित दस्तावेज़ रजिस्ट्री वाले दिन ही डाउनलोड करने की सुविधा मिलेगी। यह संभव हुआ है SMS के माध्यम से रजिस्ट्रेशन डॉक्युमेंट्स डाउनलोड करने की नई फैसिलिटी के शुरू होने से। मंत्री रत्नेश सदा ने शुक्रवार को उत्पाद, मद्य निषेध और निबंधन विभाग की समीक्षा बैठक में यह महत्वपूर्ण जानकारी दी।डिजिटल इंडिया की ओर कदम: निबंधन दस्तावेज़ों का डिजिटलीकरण प्राथमिकतामंत्री ने रजिस्ट्रेशन डॉक्युमेंट्स के डिजिटलीकरण के काम को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी असिस्टेंट इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन को डिजिटलीकरण की नियमित निगरानी करने का आदेश दिया है और यदि आवश्यक हो तो अतिरिक्त मानव संसाधन की व्यवस्था कर काम को जल्द पूरा करने को कहा है।समीक्षा बैठक में यह भी बताया गया कि वर्ष 1995 से 2005 तक के दस्तावेज़ों के डिजिटलीकरण का कार्य पूरा कर लिया गया है। अब प्रथम चरण में वर्ष 1990-1995 के 39 लाख 29 हजार 200 दस्तावेज़ों के डिजिटलीकरण का कार्य शुरू किया गया है।राजस्व वसूली में बिहार का दमदार प्रदर्शन:वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹8250 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके मुकाबले जुलाई तक ₹2523 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है। यह कुल लक्ष्य का 91.7 प्रतिशत है, जो बिहार के दमदार आर्थिक प्रदर्शन को दर्शाता है। पिछले साल की तुलना में, इसी अवधि में ₹121 करोड़ अधिक राजस्व एकत्र किया गया है। राज्य के 140 रजिस्ट्रेशन कार्यालयों और नौ सहायक कार्यालयों में CCTV कैमरे लगाने का काम भी लगभग पूरा हो चुका है।शराबबंदी पर कड़ा प्रहार: 4 करोड़ लीटर से अधिक शराब जब्त, 98% नष्ट!आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए, मंत्री ने अवैध शराब की तस्करी के खिलाफ सघन छापेमारी करने का निर्देश दिया। उन्होंने ड्रोन, स्कैनर, मोटरबोट और स्निफर डॉग्स का अधिकतम उपयोग करने की आवश्यकता पर जोर दिया। जब्त की गई शराब को नष्ट करने की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के निर्देश भी दिए गए।यह बताते हुए कि मद्य निषेध लागू होने के बाद से, राज्य में कुल 4 करोड़ 9 लाख 10 हजार लीटर से अधिक शराब जब्त की जा चुकी है, जिसमें से 98% शराब नष्ट कर दी गई है। इस अवधि में एक लाख 48 हजार से अधिक वाहनों को जब्त किया गया है। मंत्री ने बड़े शराब माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और CCA (.) के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया। बैठक में सचिव अजय यादव, उत्पाद आयुक्त राजेश कुमार सिंह, निबंधन उप महानिरीक्षक सुशील कुमार सुमन, डॉ. संजय कुमार, संयुक्त आयुक्त कृष्णानंद कुमार आदि उपस्थित रहे।