
News India Live, Digital Desk: Aruna irani’s cancer war : हिंदी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री अरुणा ईरानी, जिन्होंने दशकों तक अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीता, उनका निजी जीवन भी किसी चुनौती से कम नहीं रहा। आपको जानकर हैरानी होगी कि अरुणा ईरानी ने एक नहीं, बल्कि दो बार ‘ब्रेस्ट कैंसर’ जैसी जानलेवा बीमारी को मात दी है। यह उनकी बहादुरी, इच्छाशक्ति और सही समय पर मिले इलाज का ही नतीजा था कि उन्होंने मौत को दो बार हराया। खुद अरुणा ईरानी ने अपनी इस कैंसर यात्रा और कीमोथेरेपी की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बात की है।
कीमोथेरेपी ने कैसे बचाई जिंदगी?
अरुणा ईरानी ने बताया कि जब उन्हें ब्रेस्ट कैंसर का पता चला, तो डॉक्टर ने कीमोथेरेपी (Chemotherapy) कराने की सलाह दी। कीमोथेरेपी कैंसर के इलाज का एक महत्वपूर्ण तरीका है जिसमें कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए दवाइयों का उपयोग किया जाता है। हालांकि, यह एक कठिन प्रक्रिया है जिसके कई साइड इफेक्ट्स होते हैं, लेकिन अरुणा ईरानी ने हिम्मत नहीं हारी।
उन्होंने कीमोथेरेपी के दौरान होने वाली मुश्किलों का सामना किया, जैसे बाल झड़ना, मतली और थकान। लेकिन उनका विश्वास और जिंदादिली उन्हें इस दर्द से लड़ने की हिम्मत देते रहे। डॉक्टरों के निर्देश का पालन करते हुए उन्होंने पूरा इलाज करवाया और आज वह पूरी तरह स्वस्थ हैं।
क्या है कीमोथेरेपी और यह कैसे काम करती है?
कीमोथेरेपी में दवाइयों का उपयोग कैंसर कोशिकाओं को मारने या उनकी ग्रोथ को धीमा करने के लिए किया जाता है। ये दवाएं आमतौर पर नस के ज़रिए (IV) या गोली के रूप में दी जाती हैं। यह शरीर में तेज़ी से फैलने वाली कैंसर कोशिकाओं को टारगेट करती हैं, लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स इसलिए होते हैं क्योंकि ये स्वस्थ, तेज़ी से बढ़ने वाली कोशिकाओं (जैसे बाल, मुंह और रक्त कोशिकाएं) को भी प्रभावित कर सकती हैं।
-
उद्देश्य: कैंसर को ठीक करना, कैंसर को फैलने से रोकना, कैंसर के बढ़ने को धीमा करना, कैंसर के लक्षणों को कम करना (जैसे दर्द), या सर्जरी/रेडिएशन के बाद बची हुई कैंसर कोशिकाओं को खत्म करना।
-
प्रक्रिया: इसे आमतौर पर साइकिल में दिया जाता है (जैसे कुछ दिन दवा, फिर कुछ दिन का ब्रेक) ताकि शरीर को ठीक होने का समय मिल सके।
-
साइड इफेक्ट्स: थकान, बाल झड़ना, मतली, उल्टी, भूख न लगना, मुंह में छाले, संक्रमण का खतरा बढ़ना, आदि।
अरुणा ईरानी का अनुभव बताता है कि कैंसर का पता चलने पर हिम्मत न हारें। सही इलाज, डॉक्टर्स पर विश्वास और परिवार के सपोर्ट से किसी भी जंग को जीता जा सकता है। उनकी यह कहानी उन सभी कैंसर रोगियों के लिए प्रेरणा है जो इस बीमारी से जूझ रहे हैं।