Artificial Sweetener Erythritol से कैसे बढ़ सकता है हार्ट अटैक का खतरा जानिये
हाल ही में किए गए एक शोध के अनुसार, आर्टिफिशियल स्वीटनर एरिथ्रिटोल के सेवन से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। एरिथ्रिटोल को शुगर के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, खासकर उन लोगों द्वारा जो डायबिटीज या मोटापे से ग्रस्त हैं। लेकिन अब यह सवाल उठता है कि क्या यह वाकई सुरक्षित है?
एरिथ्रिटोल: क्या है यह?
एरिथ्रिटोल एक प्रकार का शुगर अल्कोहल है जिसे स्वीटनर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह प्राकृतिक रूप से कुछ फलों और सब्जियों में पाया जाता है और इसका कैलोरी कंटेंट बेहद कम होता है। इसके कारण इसे शुगर के स्वस्थ विकल्प के रूप में प्रचारित किया गया है। आमतौर पर, इसे पाउडर या ग्रैन्यूल्स के रूप में बेचा जाता है और इसका उपयोग विभिन्न खाद्य पदार्थों और पेय में किया जाता है।
कैसे करता है एरिथ्रिटोल काम?
एरिथ्रिटोल, अन्य आर्टिफिशियल स्वीटनर्स की तरह, शुगर के समान मिठास प्रदान करता है लेकिन इसमें कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है। इसे शरीर में आसानी से अवशोषित किया जाता है और अधिकतर मात्रा बिना पचे ही शरीर से बाहर निकल जाती है। इस कारण इसे डायबिटीज रोगियों और वजन नियंत्रित करने वालों के लिए सुरक्षित माना गया है।
नए शोध में क्या खुलासा हुआ?
हाल ही में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि एरिथ्रिटोल के सेवन से खून में क्लॉट बनने की संभावना बढ़ सकती है। यह खून की धमनियों को बंद कर सकता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। इस अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों के खून में एरिथ्रिटोल की उच्च मात्रा थी, उनमें हार्ट अटैक या स्ट्रोक की संभावना उन लोगों की तुलना में लगभग दुगनी थी जिनके खून में एरिथ्रिटोल का स्तर कम था।
शोध का आधार
यह अध्ययन अमेरिका में क्लिनिक्ल रिसर्च के क्षेत्र में किया गया और इसमें लगभग 4000 व्यक्तियों को शामिल किया गया। इन व्यक्तियों का खून का परीक्षण किया गया और उनके शरीर में एरिथ्रिटोल की मात्रा को मापा गया। इसके अलावा, उनके हार्ट अटैक और स्ट्रोक के इतिहास का भी अध्ययन किया गया। इस अध्ययन में पाया गया कि एरिथ्रिटोल की उच्च मात्रा से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।
क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?
कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस अध्ययन को गंभीरता से ले रहे हैं। उनके अनुसार, आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के फायदे और नुकसान पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस अध्ययन के परिणामों की पुष्टि के लिए और भी अनुसंधान की आवश्यकता है।
संभावित जोखिम
एरिथ्रिटोल के सेवन से जुड़ी यह नई जानकारी लोगों के लिए चिंता का विषय बन सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जो इसका नियमित रूप से उपयोग करते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को कम करने के लिए सही आहार और जीवनशैली का पालन करना आवश्यक है। एरिथ्रिटोल जैसे आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के विकल्प के रूप में प्राकृतिक विकल्पों पर विचार किया जा सकता है, जैसे कि शहद, गुड़ या स्टीविया।
डायबिटीज और मोटापे के रोगियों पर प्रभाव
डायबिटीज और मोटापे से ग्रस्त लोग अक्सर शुगर के विकल्प के रूप में एरिथ्रिटोल का उपयोग करते हैं। लेकिन इस अध्ययन के परिणामों के बाद, उनके लिए यह जरूरी हो गया है कि वे अपने डॉक्टर से परामर्श लें और यह सुनिश्चित करें कि उनके लिए कौन सा विकल्प सबसे सुरक्षित और प्रभावी है।
भविष्य की दिशा
इस शोध के बाद, वैज्ञानिक और स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस पर और अधिक शोध करने की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एरिथ्रिटोल और अन्य आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का सेवन वास्तव में कितना सुरक्षित है। इसके अलावा, यह भी देखा जा रहा है कि क्या अन्य आर्टिफिशियल स्वीटनर्स भी समान जोखिम पैदा कर सकते हैं।
आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के अन्य नुकसान
आर्टिफिशियल स्वीटनर्स को लेकर पहले भी कुछ स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं उठाई जा चुकी हैं। इनमें पेट में गैस, मितली, और कुछ मामलों में पेट दर्द जैसी समस्याएं शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ शोध यह भी सुझाते हैं कि आर्टिफिशियल स्वीटनर्स से वजन बढ़ सकता है, क्योंकि यह हमारे मस्तिष्क को शुगर की इच्छा को पूरा नहीं कर पाता और हम अधिक खाने लगते हैं।
क्या करें उपभोक्ता?
अगर आप नियमित रूप से एरिथ्रिटोल या अन्य आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का सेवन करते हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। यह आवश्यक है कि आप अपने आहार में उन चीजों को शामिल करें जो आपके स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित और फायदेमंद हैं। इसके साथ ही, प्राकृतिक विकल्पों की ओर रुख करना भी एक अच्छा विचार हो सकता है।
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निष्कर्ष
एरिथ्रिटोल और अन्य आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के सेवन से जुड़े संभावित स्वास्थ्य जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, यह आवश्यक हो गया है कि हम अपने आहार और जीवनशैली में बदलाव करें। यह शोध हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि हम जो खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ सेवन कर रहे हैं, वे हमारे स्वास्थ्य पर कैसे प्रभाव डाल सकते हैं। आगे और अधिक अनुसंधान की आवश्यकता है, लेकिन तब तक, यह सुरक्षित रहने का समय है और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए सूचित निर्णय लेने का समय है।