
नोएडा में जब भी अथॉरिटी की बोर्ड मीटिंग होती है, तो लाखों लोगों की धड़कनें तेज हो जाती हैं—खासकर उन फ्लैट खरीदारों की, जो सालों से अपने घर की रजिस्ट्री का इंतजार कर रहे हैं। इस बार की मीटिंग से कुछ लोगों के लिए सालों के इंतजार को खत्म करने वाली खुशखबरी आई है, तो वहीं दूसरी ओर, सैकड़ों इमारतों के लिए बुरी खबर भी सामने आई है।
आइए, जानते हैं इन बड़े फैसलों का आप पर क्या असर पड़ेगा।
खुशखबरी: 4,777 घर खरीदारों के लिए खत्म हुआ इंतजार
यह खबर उन हजारों परिवारों के लिए किसी सपने के सच होने जैसी है, जिन्होंने अपनी जिंदगी भर की कमाई एक फ्लैट में लगा दी, लेकिन उन्हें अब तक उसका मालिकाना हक नहीं मिला था।
नोएडा अथॉरिटी ने एक बहुत बड़ा और राहत भरा कदम उठाते हुए 4,777 फ्लैट्स की रजिस्ट्री का रास्ता साफ कर दिया है। यह फैसला उन बिल्डर प्रोजेक्ट्स पर लागू होगा जिन्होंने अथॉरिटी का बकाया चुका दिया है। इसका मतलब है कि जल्द ही इन 4,777 परिवारों को उनके घर की चाबी के साथ-साथ कानूनी तौर पर “यह घर मेरा है” कहने का हक भी मिल जाएगा।
यह सिर्फ शुरुआत है। अथॉरिटी ने कहा है कि जैसे-जैसे दूसरे बिल्डर भी अपना बकाया चुकाएंगे, उनके प्रोजेक्ट्स में भी रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
बुरी खबर: 600 इमारतों पर मंडराया ‘बुलडोजर’ का खतरा
एक तरफ जहां जश्न की तैयारी है, वहीं दूसरी तरफ 600 इमारतों पर बड़ी कार्रवाई की तलवार लटक गई है।
अथॉरिटी ने हिंडन और यमुना नदी के डूब क्षेत्र (Floodplains) में गैर-कानूनी तरीके से बनी 600 बहुमंजिला इमारतों को गिराने का फैसला किया है। इन इमारतों की जांच IIT-दिल्ली की एक टीम ने की थी, जिसने इन्हें खतरनाक और रहने के लिए असुरक्षित पाया।
यह फैसला शहर की सुरक्षा और पर्यावरण को बचाने के लिए लिया गया है। यह उन लोगों के लिए एक कड़ा संदेश है जो नियमों को ताक पर रखकर लोगों की जान से खिलवाड़ करते हैं। अथॉरिटी अब इन इमारतों को गिराने की प्रक्रिया शुरू करेगी, जो नोएडा के इतिहास में एक और बड़ी कार्रवाई होगी।
क्या है इसका मतलब?
नोएडा अथॉरिटी का संदेश बिल्कुल साफ है: जो ईमानदार खरीदार हैं, उन्हें उनका हक दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। और जो लोग कानून तोड़कर, नदी की जमीन पर अवैध निर्माण कर रहे हैं, उन पर सख्ती से कार्रवाई होगी। यह फैसला नोएडा को एक बेहतर और सुरक्षित शहर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।